बसंतऋतू की आमद से बगिया में ख़ुश गवार रौनकें हैं, आज मौसम भी सुहाना है, बगिया में झू बसंतऋतू की आमद से बगिया में ख़ुश गवार रौनकें हैं, आज मौसम भी सुहाना है, ...
दोस्त मिले तो बहुत मिले, मोहब्बत भी हमें कई बार हुई... गर आज अकेले बैठे हैं, तन्हाई का आख़िर यह मातम... दोस्त मिले तो बहुत मिले, मोहब्बत भी हमें कई बार हुई... गर आज अकेले बैठे हैं, तन...
इतने परेशां क्यूँ हो यारा इश्क के आमद को लेकर। इतने परेशां क्यूँ हो यारा इश्क के आमद को लेकर।
बराबरी के चक्कर में मन की शांति को बिसराना बराबरी के चक्कर में मन की शांति को बिसराना
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।